नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए एक अहम फैसला लिया है। बोर्ड ने घोषणा की है कि 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। इस फैसले का मकसद छात्रों को अधिक लचीलापन देना और उनके परीक्षा संबंधी तनाव को कम करना है।
दो चरणों में होगी परीक्षा
CBSE के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी
- पहला चरण: फरवरी-मार्च में
- दूसरा चरण: मई में
छात्रों के पास दोनों परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प रहेगा, जिससे उन्हें अपना प्रदर्शन सुधारने का एक अतिरिक्त मौका मिलेगा।
पूरे पाठ्यक्रम पर आधारित होगी परीक्षा
CBSE ने स्पष्ट किया है कि दोनों परीक्षाओं में पूरा पाठ्यक्रम शामिल होगा। इससे छात्रों के ज्ञान और कौशल का संपूर्ण मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन साल में एक बार ही
हालांकि बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी, लेकिन प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार ही आयोजित किया जाएगा। इससे छात्रों को अतिरिक्त बोझ से बचाया जाएगा और उनकी तैयारी में आसानी होगी।
छात्रों को मिलेगा लचीलापन
इस नए ढांचे के तहत, छात्रों को यह तय करने की स्वतंत्रता होगी कि वे दोनों परीक्षाओं में शामिल होना चाहते हैं या केवल एक में। इससे उन्हें अपनी तैयारी के अनुसार परीक्षा देने का बेहतर अवसर मिलेगा।
क्या होगा फायदा?
- तनाव कम होगा: छात्रों पर एक ही परीक्षा में अच्छा करने का दबाव कम होगा।
- अतिरिक्त मौका मिलेगा: अगर कोई छात्र पहले प्रयास में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो वह दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकता है।
- बेहतर योजना: छात्र अपनी पढ़ाई को बेहतर तरीके से प्लान कर सकेंगे।
CBSE का यह कदम छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, जिससे उन्हें अपनी परीक्षा की रणनीति को बेहतर तरीके से बनाने और अच्छे अंकों के लिए अधिक अवसर प्राप्त करने का मौका मिलेगा।