सिकंदराबाद: वायु प्रदुषण के दुष्परिणामों को भुगत रहे नागरिकों की हिफाजत के लिए आतिशबाजी पर रोक लगाकर हरित पटाखे छोडने का फरमान जारी किया गया हैं, ताकि वायु गुणवत्ता के प्रति घोर निराशा के मंजर पर रोक लगाई जा सके। लेकिन सिकन्द्राबाद में आदेशों को धत्ता बताते हुए दीपावली पर खुल कर कृत्रिम पटाखा नाल की बाजार में बिक्री हो रही हैं।
सबसे दिलचस्प बात देखने को यह मिल रही थी कि नगर के अधिकांश इलाकों में एक लोहे की बनी पटाखा फोड़ कृत्रिम नाल में पोटाश भरकर लोग फोड़ते नजर आये। ऐसे युवा नाल फोडते हुए अपने वीडियो,फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करके लोगेां पर अपना रोब दिखाते हैं। इससे दूर-दूर तक वायु प्रदुषण दूषित दिखाई दे रहा है और जोरदार ढंग से पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगी।
आतिशबाजी पर रोक लगाकर हरित पटाखे छोडने का फरमान जारी किया गया था, ताकि वायु गुणवत्ता के प्रति घोर निराशा के मंजर पर रोक लगाई जा सके।
आदेशों को धत्ता बताते हुए दीपावली पर पटाखों के प्रतिबंध का खुलकर उल्लंघन किया जा रहाह है। वहीं प्रशासन ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर संयुक्त व लड़ी पटाखों सहित अन्य सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने व उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया है । इसके अलावा आतिशबाजी प्रतिबंध रहेगा, क्योंकि इससे भारी वायु व ध्वनि प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट की समस्या होती है। इन आदेशों के तहत दिवाली त्योहार पर ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी रात 8 बजे से रात 10 बजे तक की अवधि के लिए ही की जा सकेगी। आदेशों का पालन न करने या उल्लंघन करने पर नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ।