रिपोर्ट-हेमन्त कुमार
AI से आवाज बदलकर आरोपी कर रहा है साइबर फ्रॉड,यहां जानिए कैसे बच सकते हैं इस फ्रॉड से…
सिकंदराबाद: सोशल मीडिया पर सिकंदराबाद विधायक लक्ष्मीराज सिंह का फैक्ट्री ख़रीदने का फ़र्ज़ी ऑडियो वायरल हो गया। इस फ़र्ज़ी ऑडियो के विरुद्ध विधायक के सहकर्मी गौरव कुमार के द्वारा साइबर क्राइम थाने में अज्ञात के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करवाया गया है। सोमवार को सिकंदराबाद विधायक लक्ष्मीराज सिंह का फैक्ट्री ख़रीदने का फ़र्ज़ी ऑडियो वायरल हो गया। जिसमे एक फैक्ट्री के मालिक से ख़रीदारी को लेकर बातचीत हो रही है जिसमे उसे डराया और धमकाया जा रहा है। विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर जो फ़र्ज़ी ऑडियो वायरल हो रहा है उनका उससे कुछ भी लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि एआई (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) के द्वारा इस फ़र्ज़ी ऑडियो को बनाकर मुझे बदनाम करने की साज़िश की जा रही है। विधायक के सहकर्मी गौरव कुमार के द्वारा साइबर क्राइम थाने में अज्ञात के विरुद्ध धारा 318(4), 66C, 84C में मुक़दमा दर्ज करवाया है।
तकनीक की दुनिया में तेजी से होते बदलावों के बीच लोगों को “हर बात और हर शख़्स पर भरोसा न करने” की सलाह दी जा रही है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों के साथ फ्रॉड होने की ख़बरों के बीच ये एडवायज़री जारी की है।एआई के ज़रिए किसी शख़्स की आवाज़ बनाकर उसके साथ बड़े आर्थिक फ्रॉड किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में किसी तरह के सबूत नहीं पीछे छूटते हैं। ऐसे में जांच होना भी मुश्किल होता है,लूटी रकम वापस लाना तो दूर की बात है। बात यहां तक पहुंच गयी है कि लोगों को अनजान नंबरों या अनजान लोगों की कॉल न उठाने की सलाह दी जा रही है। दिल्ली-NCR में एक नया फ्रॉड सामने आया है। इसे वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड कहा जा रहा है। इसमें अपराधी आवाज को क्लोन करने के लिए एडवांस सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है। साथ ही पीड़ितों को यह विश्वास दिलाता है कि वे मुश्किल में फंसे अपने बच्चों या परिवारवालों से बात कर रहे हैं. जिसके झांसे में आ कर लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।
नोएडा में आए हैं कई मामले सामने
ऐसा ही एक मामला नोएडा में सामने आया है। ये मामला सेक्टर 78 में महागुन मॉडर्न अपार्टमेंट के निवासी हिमांशु शेखर सिंह से जुड़ा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,हिमांशु सिंह ने एक परेशान करने वाला अनुभव सुनाया,जहां उन्हें पुलिस इंस्पेक्टर होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति का फोन आया। फोन करने वाले ने आरोप लगाया कि सिंह का बेटा आपराधिक गतिविधियों में शामिल था और अपना नाम हटाने के लिए मोटी रकम की मांग की। हैरानी की बात यह है कि हिमांशु ने अपने बेटे की आवाज सुनी जो फोन पर मदद की गुहार लगा रहा था,जिससे बाद हिमांशु में सभी मांगे मान ली। संदेह के बावजूद,हिमांशु घोटाले का शिकार हो गए और बाद में उन्हें धोखे का एहसास हुआ।
वॉयस क्लोनिंग धोखाधड़ी से खुद को बचाएं
जबकि वॉयस क्लोनिंग धोखाधड़ी एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है,ऐसे उपाय हैं जो व्यक्ति खुद को ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए कर सकते हैं:
1. कॉलर वेरिफिकेशन: हमेशा जांच करने वाले प्रश्न पूछकर या उससे जुड़े किसी प्राधिकारी से संपर्क करके कॉल करने वाले की पहचान वेरीफाई करें। बिना कॉलर वेरिफिकेशन के कोई भी एक्शन लेने से बचें।
2. वित्तीय लेन-देन में सावधानी बरतें: वित्तीय लेन-देन करने या फोन पर संवेदनशील जानकारी शेयर करने से बचें।
3. सूचित रहें: आसपास जिस भी तरह के फ्रॉड चल रहे हैं उनके बारे में सूचित रहें और वॉयस क्लोनिंग धोखाधड़ी से जुड़े जोखिमों के बारे में खुद को और अपने प्रियजनों को शिक्षित करें।
4. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: किसी भी संदिग्ध कॉल या धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की रिपोर्ट लोकल पुलिस स्टेशन में करें या साइबर क्राइम हेल्पलाइन जैसे संबंधित अधिकारियों से इस बार में बात करें,ताकि आगे इस फ्रॉड को रोका जा सके और जांच में सहायता मिल सके।
सतर्क रहकर और सक्रिय उपाय अपनाकर,व्यक्ति वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड से बच सकता है। साथ ही खुद को और अपने प्रियजनों को इनका शिकार होने से बचा सकते हैं।