“अहार, बुलंदशहर में उर्स मुबारक पर आल इंडिया नातिया मुशायरा आयोजित, मशहूर शायरों ने पेश की दिल छू लेने वाली नाते”
बुलंदशहर: क़स्बा अहार में हज़रत सैय्यद अली हुसैन शाह रहमतुल्लाह अलैह के उर्स मुबारक के अवसर पर शुक्रवार की रात “आल इंडिया नातिया मुशायरा” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सज्जादानशीन दरगाह शरीफ़ अहार सैय्यद अब्दुल बासित मियां ने की।
कार्यक्रम का उद्घाटन बिलाल अहमद, कुलदीप, इमरान खां और नाज़िम अंसारी द्वारा किया गया, वहीं अल्लामा शब्बीर अली वारसी (कोलकाता), मोहम्मद इनाम और वाहिद अली ने महफिल की शमा रोशन की।
विशिष्ट अतिथि:
- खुर्शीद हैदर (मुज़फ्फरनगर)
- डॉ. निज़ामी शैदा राही (बुलंदशहर)
- अली अब्बास नौगांवी (दिल्ली)
- वारिस वारसी (मेरठ, सौंदत असीलपुर)
- डॉ. इरशाद अहमद शरर
इन सभी विशिष्ट शायरों ने अपने दिलकश नातिया कलाम से महफिल में चार चाँद लगा दिए।
कार्यक्रम का संचालन दिल्ली से पधारे प्रसिद्ध शायर सैय्यद अली अब्बास नौगांवी ने किया।
प्रस्तुत की गई चुनिंदा नातें:
- डॉ. निज़ामी शैदा राही (बुलंदशहर):
“बेकसों के मददगार प्यारे नबी,
आसियों के तरफदार प्यारे नबी,
दोनों आलम के मुख़्तार प्यारे नबी,
सारे नबियों के सरदार प्यारे नबी…” - सैय्यद अली अब्बास (दिल्ली):
“महफिले नात में सरकार की बातें कीजे,
आज नफरत की नहीं प्यार की बातें कीजे…” - वारिस वारसी (मेरठ):
“गुमनाम था जहाँ में कोई जनता न था,
नाते नबी ने दूर तक मशहूर कर दिया…” - शफ़ीक़ बरकाती (संभल):
“जो दीने मुस्तुफा से लड़ रहा था,
उसे पल में पछाड़ा है अली ने…” - हकीम अहमद मजीद (संभल):
“मुस्तुफा के गुलशन पर नाज़ है फरिश्तों को,
रेहमतों की छाई हैं बदलियाँ मदीने में…”
अब्दुल बासित मियां,मोहम्मद इनाम,मकसूद जालिब,राहत अली,इमरान अली,अनीस अहमद, बिलाल अहमद,नन्ने चौधरी,पंकज लोधी,कुलदीप, परवेज़ आलम,इशरत हुसैन आदि कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक रहे।
कार्यक्रम के अंत में मोहम्मद इनाम ने सभी शायरों, मेहमानों व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।