बुलंदशहर: एक ऐसा गांव, जो शिक्षा के प्रति अपने समर्पण के लिए पूरे देश में जाना जाता है। बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद के पास स्थित सांखनी गांव को “मास्टरों का गांव” कहा जाता है, क्योंकि यहां के 700 घरों में से करीब 400 शिक्षक हैं। यह गांव शिक्षा के क्षेत्र में एक अनूठी मिसाल पेश करता है।
गांव का ऐतिहासिक और भौगोलिक परिचय
सांखनी गांव का इतिहास काफी पुराना है। 1859 के रिकॉर्ड के अनुसार, इस गांव का कुल क्षेत्रफल 1271 एकड़ था। वर्तमान में यहां 600 से 700 घर हैं और कुल जनसंख्या 15,000 से 18,000 के बीच बताई जाती है। शिक्षा को यहां के निवासियों ने अपनी पहली प्राथमिकता बना लिया है, जिससे यह गांव पूरे देश में एक अलग पहचान बना चुका है।
गांव में शिक्षा का प्रभाव
सांखनी गांव ने अब तक 300 से 350 स्थायी सरकारी शिक्षक दिए हैं, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में शिक्षक, स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षा निरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, 60 से 70 लोग गेस्ट टीचर, ट्यूटर और स्पेशल एजुकेटर के रूप में शिक्षा क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।
गांव के लगभग हर परिवार में कोई न कोई शिक्षक है, जो यहां की शिक्षा प्रणाली की मजबूती को दर्शाता है। यहां के युवा पीढ़ी दर पीढ़ी शिक्षा को एक परंपरा के रूप में अपनाते आए हैं।
शिक्षा के प्रति गांव का जुनून
सांखनी के लोग अपने बच्चों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। इस गांव में शिक्षा को लेकर इतना सकारात्मक माहौल है कि बच्चे शुरू से ही पढ़ाई में रुचि लेते हैं और शिक्षक बनने का सपना देखते हैं। समुदाय स्तर पर भी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं, जिससे यह गांव शिक्षा के क्षेत्र में एक रोल मॉडल बन गया है।
बुलंदशहर में शिक्षा की स्थिति
बुलंदशहर जिला, जो गंगा और यमुना नदियों के बीच स्थित है, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध रहा है। जिले में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं। सांखनी गांव इस दिशा में एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है।
शिक्षा की शक्ति का जीवंत उदाहरण
सांखनी गांव ने यह साबित किया है कि शिक्षा के प्रति समर्पण और सामुदायिक प्रयास किसी भी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। 700 घरों में 400 शिक्षक होना इस बात का प्रमाण है कि यह गांव वास्तव में “मास्टरों का गांव” है।
सांखनी गांव हम सभी को यह सिखाता है कि शिक्षा ही समाज को सशक्त और समृद्ध बनाने का सबसे मजबूत आधार है। यह गांव पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है और यह दर्शाता है कि अगर शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए, तो समाज में कितना बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।