बुलंदशहर: गांव बुकलाना स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के 126 बच्चों का ग्रुप दिल्ली के विभिन्न पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए रविवार को गया था। पूरे दिन बच्चे भूखे ही घूमते रहे। देर शाम लौटते समय बच्चों को दिल्ली मार्ग स्थित छिजारसी टोल प्लाजा के निकट ढाबे पर भोजन कराया गया। बताया कि भोजन करने के बाद कुछ छात्राओं को उल्टी, घबराहट और चक्कर की शिकायत होने लगी। स्कूल स्टाफ ने आननफानन में छात्राओं को सरस्वती मेडिकल कॉलेज हापुड़ में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद देर रात वहां से बच्चों को जैसे तैसे नवोदय विद्यालय पहुंचाया गया। सोमवार सुबह कुछ छात्राओं की पुनः हालत बिगड़ गई। सूचना पर तुरन्त करीब 24 छात्राओं में से 19 को स्याना सीएचसी व शेष को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। छात्राओं की हालत बिगड़ने की खबर से प्रशासन में खलबली मच गई। एसडीएम स्याना गजेन्द्र सिंह, सीओ स्याना व एसओ नरसेना तुरन्त अस्पताल पर पहुंच गये।
कैसे हुआ हादसा?
दरअसल, जवाहर नवोदय विद्यालय, बुकलाना के छात्राओं का एक ग्रुप दिल्ली टूर पर गया था। यह शैक्षणिक टूर विद्यालय द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें छात्राओं को दिल्ली के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण कराया गया। यात्रा के दौरान सबकुछ सामान्य था, लेकिन लौटते समय एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई।
हापुड़ के ढाबे पर किया था भोजन
दिल्ली टूर से लौटते समय, छात्राओं का ग्रुप रास्ते में हापुड़ के शिव टूरिस्ट ढाबे पर रुका। यह देर शाम का समय था, और यात्रा से थक चुकी छात्राओं ने वहां खाना खाया। शुरुआत में सबकुछ ठीक लग रहा था, लेकिन विद्यालय पहुंचने के बाद छात्राओं को असहज महसूस होने लगा।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण और बिगड़ती हालत
विद्यालय पहुंचने के कुछ ही समय बाद छात्राओं को उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं होने लगीं। कुछ छात्राएं कमजोरी के कारण बेहोश भी हो गईं। स्थिति बिगड़ती देख विद्यालय प्रशासन ने तुरंत चिकित्सा सहायता बुलाई और बीमार छात्राओं को स्याना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही स्याना के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) और विद्यालय के स्टाफ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत इलाज शुरू किया, जिससे छात्राओं की स्थिति में सुधार होने लगा।
ढाबे के खाने पर सवाल, जांच शुरू
इस घटना के बाद, हापुड़ के शिव टूरिस्ट ढाबे पर परोसे गए खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और ढाबे के भोजन के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। यदि लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित ढाबे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
छात्राओं की हालत में सुधार, अभिभावकों में चिंता
बीमार छात्राओं की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इस घटना ने अभिभावकों में चिंता बढ़ा दी है। वे बच्चों की सुरक्षा और खान-पान की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं।
सबक और सतर्कता की जरूरत
इस घटना से यह सीख मिलती है कि यात्राओं के दौरान खान-पान को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। स्कूल प्रशासन और टूर आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जहां भी वे रुकें, वहां का भोजन स्वच्छ और सुरक्षित हो।
सरकार और शिक्षा विभाग को भी इस मामले पर ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। फिलहाल, प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी छात्राएं पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौटें।