सिकंदराबाद। नगर में श्रीरामलीला कमेटी के तत्वाधान में चल रही रामलीला महोत्सव में श्री आदर्श राधिका कृष्ण लीला मंडल एवं रामलीला मंडल के व्यास पंकज भारद्वाज द्वारा 14 वर्ष का राम वनवास लीला का मंचन किया गया। लीला का संचालन कमेटी के प्रभारी अरविंद दीक्षित ने किया। लीला का मंचन देखकर दर्शक भाव विभोर हो उठे। कैकई के वर मांगे जाने की जानकारी जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को मिलती है तो वह पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ पिता का वचन निभाने के लिए हंसी खुशी से वन के लिए तीनों प्रस्थान कर लेते हैं।
राम वनवास की लीला का प्रारंभ चैंबर की धर्मशाला से बैंड बाजों के साथ किया गया। जो कि नगर के मुख्य बाजार चौधरीवाड़ा, वैधवाड़ा, बड़ाबाजार, कबाड़ी बाजार से होती हुई रामलीला स्थल पर पहुंची।
उसके बाद केवट और श्री राम के प्रसंग का मंचन किया गया। केवट के सवालों का श्री राम ने जवाब दिया। केवट ने भगवान राम को नाव से सरयू नदी पार कराई। लीला का मंचन देखकर दर्शक भाव विभोर हो उठे।
इस दौरान राम और केवट संवाद की लीला ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया इसके बाद श्रवण कुमार की लीला का मंचन किया गया। जिसमें राजा दशरथ ने श्रवण कुमार को तीर मार कर घायल कर दिया और श्रवण कुमार की मां ने राजा दशरथ को श्राप दे दिया। श्राप के बाद रामलीला समापन में राजा दशरथ की मृत्यु हुई।