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रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए

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महाराज ने भरत को राजपाट तथा राम को 14 वर्ष का वनवास की कर दी घोषणा

सिकंदराबाद। नगर के मोहल्ला रामवाड़ा स्थित रामलीला मैदान में चल रही रामलीला महोत्सव में श्री आदर्श राधिका कृष्ण कला मंडल एवं रामलीला मंडल वृंदावन से व्यास पंकज भारद्वाज द्वारा लीला मंचन में कैकई कोप भवन कैकई राजा दशरथ संवाद श्री राम को 14 वर्ष के वनवास की लीला का मंचन किया गया।

लीला में कैकई मंत्रा की बात मानकर कोप भवन में चली गई। जब राजा दशरथ मनाने पहुंचे तो कैकई ने उन्हें भगवान श्री राम का 14 वर्ष का वनवास भरत को राज सिंहासन का वर मांगा। जिस पर राजा दशरथ ने वचन देते हुए कहा कि रानी तुम यह गलत कर रही हो। लेकिन रानी अपनी जिद पर अड़ी रही। तब राजा ने कहा कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाए।

मेरे प्राण चले जाएंगे लेकिन मैं अपने वचनों से पीछे नहीं हटूंगा और इस प्रकार महाराज ने भरत को राजपाट तथा राम को 14 वर्ष का वनवास की घोषणा कर दी।

रामलीला को देखने के लिए नगर के सैकड़ो लोग मौजूद रहे। रामलीला में उपस्थित जनसमूह ने भी इस अवसर का आनंद उठाया और खुशी मनाई।

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