सिकंदराबाद। नगर के मोहल्ला रामवाड़ा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला महोत्सव में मीरा चरित्र पर नाटक का मंचन हुआ। मंचन लीला का शुभारंभ डॉक्टर नरेश शर्मा, पल्लवी शर्मा, जगदीश बजाज, अरविंद दीक्षित, राहुल गुप्ता, प्रमोद कुमार प्रेमी, संजीव गोयल ने भगवान लक्ष्मी नारायण की आरती व दर्शन के साथ किया।
श्री आदर्श राधिका कृष्ण कला मंडल व रामलीला मंडल वृंदावन से व्यास पंकज भारद्वाज व कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां देकर मीराबाई की कृष्ण भक्ति और उनके जीवन चरित्र का नाट्य मंचन किया गया। कलाकारों ने सबसे पहले शिरोमणि मीरा बाई के बाल्य काल के बारे में मंचन करते हुए बताया कि किस तरह मीरा बाई बचपन से ही भक्ति की ओर लीन थी। उन्होंने नाट्य प्रस्तुति के दौरान मीरा बाई के भक्तिमय जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
मीरा का जीवन परिचय
मीराबाई कृष्ण भक्ति शाखा की प्रमुख कवमित्री है। उनका जन्म 1498 ईस्वी में जोधपुर के पास मेहता ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम रत्नसिंह था। उनके पति कुंवर भोजराज उदयपुर के महाराणा सांगा के पुत्र थे। जब मीरा बाई अपने ससुराल गई तो उनकी सांसू माँ ने पूजन करने के लिए कहा। मीराबाई बोली पूजन किस लिए किया जाता है। सासू माँ बोली यह पूजन सदा सुहागन और अमर होने के लिए किया जाता है। मीराबाई बोली मुझे अमर नही होना। विवाह के कुछ समय बाद उनके पति का देहान्त हो गया। पति के देहान्त के बाद मीराबाई साधु- संतो को संगीत में हरिकीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगी। वह वृंदावन में कृष्ण भक्ति में लीन हो गयी।
रामलीला में मंच का संचालन प्रभारी अरविंद दीक्षित ने किया। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के सचिव जगदीश बजाज, प्रभारी अरविंद दीक्षित, प्रबंधक राहुल गुप्ता, प्रमोद कुमार प्रेमी, उप कोषाध्यक्ष अर्जुन वर्मा, संजीव गोयल के साथ साथ सेवादार राधेश्याम और अमन उपस्थित रहे।