ता क़यामत रुलायेगा जालिब, कर्बे कर्बो बला ज़माने को
सिकंदराबाद। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद साहिब के नवासे हज़रत हुसैन और उनके जाँबाज़ 72 साथियों,जिन्हें धोखे से कर्बला बुला कर शहीद कर दिया गया की याद में रविवार की शाम मौहल्ला रिसालदारान में एक रूहानी मजलिस का आयोजन किया गया। जिस की अध्यक्षता सज्जादा नशीन सैयद बाबा शाह हुसैन मिस्कीनी ने की तथा संचालन मक़सूद जालिब ने किया। रूहानी मजलिस में हज़रत हुसैन और उनके साथियों की याद में मन्क़बती कलाम पढ़े गए। लईक़ ताज क़व्वाल और उनके साथियों के अलावा मक़सूद जालिब, नफ़ीस क़ादरी, रिहान साबरी, सैयद सज्जाद हुसैन मिस्कीनी और सैयद आतिफ़ मिस्कीनी आदि ने भी नज़राना ए अक़ीदत पेश किया। सैयद शाह हुसैन मिस्कीनी ने कर्बला के शहीदों के बारे में संक्षेप में प्रकाश डाला। इस अवसर पर सूफ़ी शरीफ़ अहमद, सूफी बाबुद्दीन शाह, नेता शकील अहमद, मुतीब खाँ, सद्दीक़ अहमद,आमिर ज़ैदी,हाफ़िज़ निज़ाम,रज़ा अब्बास,डाक्टर शुऐब,परवेज़ अहमद,सईद ग़ाज़ी,मुश्ताक़ अब्बासी,बादशाह मिस्कीनी,राजू ग़ाज़ी तथा शाकिर ग़ाज़ी आदि मौजूद रहे।