भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष व विधायक लक्ष्मीराज सिंह रहे मुख्य अतिथि
सिकंदराबाद: भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुक्रवार को महान महिला शासक रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र शिशौदिया एवं विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने पं. दीनदयाल उपाध्याय व डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेन्द्र शिशौदिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में जन्मी रानी अहिल्याबाई ने एक चरवाहे के घर जन्म लेकर भी अद्भुत साहस, न्यायप्रियता और धर्मपरायणता के बल पर शासन और समाज को नई दिशा दी। उन्होंने अपने 30 वर्षों के शासनकाल में देशभर में 10,000 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया, जिनमें काशी विश्वनाथ और सोमनाथ जैसे प्रमुख मंदिर शामिल हैं।
विधायक लक्ष्मीराज सिंह ने कहा कि रानी अहिल्याबाई का जीवन भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। एक साधारण ग्रामीण बालिका से असाधारण शासनकर्ता बनने तक की उनकी यात्रा आज भी देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने बद्रीनाथ से रामेश्वरम और द्वारिका से पुरी तक आक्रमणों में क्षतिग्रस्त मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया और तीर्थयात्राओं को पुनर्जीवित किया, जिससे उन्हें “पुण्यश्लोक” की उपाधि प्राप्त हुई।
भाजपा नेता राजकिशोर ने कहा कि अहिल्याबाई का लोक कल्याणकारी शासन भूमिहीन किसानों, जनजातीय समूहों और विधवाओं के हित में था। उन्होंने सामाजिक समरसता के आधार पर शासन किया और समाज में धर्म, न्याय और सेवा की भावना को बढ़ावा दिया।
कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष ऊषा, देवेंद्र सिंह सोलंकी, दीपक दुल्हैरा, जिला मंत्री अरविंद दीक्षित, सुरेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष त्रिवेश गुप्ता, नवीन गुप्ता, ललित भाटी, राजीव सैनी, संदीप तेवतिया, संजय भराना, नगर पालिका चेयरमैन प्रदीप दीक्षित, पूर्व ब्लॉक प्रमुख मनीष भाटी, सोनू शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कर्मवीर भाटी, तनवीर चौहान, सचिन शर्मा, मोहित सिंघल (ककोड नगर पंचायत अध्यक्ष), अरुण प्रजापति, गौरव भाटिया, सचिन राज सिंह, प्रवीण ठाकुर, सनी राणा, नितिन ठाकुर, नवीन राजपूत, विष्णु सिंह, धर्मेंद्र चौधरी, नरेंद्र सैनी, पीतांबर प्रजापति, नवीन शर्मा, युद्धवीर चौधरी समेत अनेक भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन रानी अहिल्याबाई के आदर्शों पर चलने की शपथ के साथ किया गया।