सिकंदराबाद: श्री हनुमान जन्मोत्सव के दूसरे दिन पुराना जीटी रोड स्थित मंदिर सिद्ध श्री बालाजी महाराज में भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस मौके पर छप्पन भोग प्रसादी वितरण के साथ सीता स्वयंवर की संगीतमय नाट्य लीला ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
मंदिर सिद्ध श्री बालाजी महाराज में मुख्य आकर्षक का केंद्र वृंदावन के कलाकारों द्वारा सीता स्वयंवर की संगीतमय नाट्य रूपांतरण लीला रही। लीला को देख सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
लीला में सीता स्वयंवर हुआ भगवान राम ने शिव धनुष तोड़ा तो परशुराम क्रोधित हो गए। लीला के दौरान धनुष यज्ञ परशुराम लक्ष्मण संवाद रोचक रहा और विवाह में शामिल राजाओं ने दर्शकों को जमकर गुदगुदाया।
राजा जनक ने सीता स्वयंवर के लिए विभिन्न प्रांतो के राजाओं को आमंत्रित किया। महाराज जनक ने उपस्थित ऋषि मुनियों के आशीर्वाद से स्वयंवर के लिए भगवान शिव का धनुष उठाने के नियम की घोषणा की सभा में सभी राजा महाराजाओं ने धनुष तोड़ने का प्रयास किया लेकिन वह धनुष को इंच पर भी हिला नहीं सके।
यह देखकर गुरु विश्वामित्र ने भगवान श्री राम को आज्ञा देकर भेजा। गुरु की आज्ञा मानते हुए भगवान श्री राम ने अत्यंत सहजता से धनुष उठाकर चढ़ाया और अंत में मध्य से धनुष तोड़कर सीता से स्वयंवर रचाया।
धनुष टूटते ही परशुराम क्रोधित हो उठे। परशुराम को क्रोधित देखकर लक्ष्मण को भी क्रोध आ गया परशुराम लक्ष्मण संवाद काफी रोचक रहा।