सिकंदराबाद। नगर के रामबाड़ा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित मंगलवार को श्री शिव महापुराण कथा के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से कथा का श्रवण किया। कथा वाचक शशांक कृष्ण कौशल जी महाराज ने भक्तों को विश्वनाथ सहित अन्य छह ज्योतिर्लिंगों की कथा, विष्णु द्वारा शिव पूजन तथा नर्क प्रसंग का वर्णन किया। कथा के दौरान भगवान शिव की महिमा और उनके पूजन की विधियों को विस्तार से बताया गया, जिससे श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।
ग्रंथ पूजन व व्यास पूजन से हुआ शुभारंभ
श्री शिव महापुराण कथा का शुभारंभ ग्रंथ पूजन और व्यास पूजन के साथ हुआ। मुख्य यजमान शैलेंद्र अवस्थी, नवीन गुप्ता और नितिन वर्मा ने पूजन किया। इसके बाद श्री झारखंडेश्वर महादेव श्रृंगार सेवा समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कथावाचक महाराज जी का भव्य स्वागत किया और उन्हें पुष्पमालाओं से सम्मानित किया।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
कथा में विश्वनाथ सहित अन्य छह ज्योतिर्लिंगों की कथा, विष्णु द्वारा शिव पूजन और नर्क प्रसंग सुनने के लिए हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए। भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति भाव से कथा का रसास्वादन किया और शिव महापुराण के दिव्य प्रसंगों का आनंद लिया।
भोलेनाथ की आरती और महाप्रसाद वितरण
कथा के अंत में बाबा भोलेनाथ की भव्य आरती का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अमृत देव गुरु जी, पंकज शर्मा, नरेंद्र, योगेश वर्मा, संतोष यादव, विजय चौधरी, मोहित, सोनू मुंशी, विशाल सैनी, अंकित गोयल, बीना, गीता देवी, हेमंत कुमार, सुमित (CA), अरविंद चौहान, एडवोकेट नितिन अग्रवाल, मनीष शर्मा सहित श्री झारखंडेश्वर महादेव श्रृंगार सेवा समिति के पदाधिकारी और अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। आरती के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया, जिससे भक्तों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
महाराज जी द्वारा रुद्राक्षों का वितरण
कथा स्थल पर कथा वाचक शशांक कृष्ण कौशल महाराज जी ने लगभग सात हजार रुद्राक्षों का वितरण किया। रुद्राक्ष लेने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगीं। हर श्रद्धालु ने महाराज जी से रुद्राक्ष प्राप्त कर आशीर्वाद लिया। रुद्राक्ष वितरण पुलिस बल की देखरेख में सम्पन्न कराया गया।
आज होगा विशेष प्रसंग और कथा विश्राम
कथा के नौवें दिन आज उमा संहिता अंतर्गत देवी कथा, कार्तिकेय-वायुदेव संवाद, कथा विश्राम और महाआरती का आयोजन होगा। श्री झारखंडेश्वर महादेव श्रृंगार सेवा समिति ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में कथा स्थल पर पहुंचने की अपील की, ताकि वे इस दिव्य आयोजन का लाभ उठा सकें।