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जातीय बोर्ड विवाद: पंचायत कर लौट रहे 12 लोग गिरफ्तार,4 वाहन जब्त

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सिकंदराबाद के जुनेदपुर गांव में “अहीर रेजीमेंट हक है हमारा” बोर्ड को लेकर यादव और अनुसूचित जाति समुदाय में विवाद गहराया। पंचायत के बाद लौटते समय 12 लोग गिरफ्तार, 4 वाहन जब्त। प्रशासन ने बोर्ड लगाने पर रोक लगाई।

सिकंदराबाद: सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव जुनेदपुर में “अहीर रेजीमेंट हक है हमारा” लिखे बोर्ड को लेकर जातीय तनाव गहराता जा रहा है। इसी सिलसिले में अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा एवं कृष्णवंशी महासभा द्वारा आयोजित पंचायत से लौट रहे 12 लोगों को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। इन पर शांतिभंग की धाराओं में कार्रवाई की गई है, जबकि चार वाहनों को भी जब्त किया गया है।

जातीय बोर्ड विवाद: पंचायत कर लौट रहे 12 लोग गिरफ्तार, 4 वाहन जब्त

कैसे शुरू हुआ विवाद

करीब तीन माह पूर्व कृष्णवंशी महासभा के नेतृत्व में यादव समाज के लोगों ने गांव से एक किलोमीटर दूर हाईवे के पास “अहीर रेजीमेंट हक है हमारा” लिखवाया बोर्ड लगाया था। लेकिन दो महीने बाद किसी अज्ञात व्यक्ति ने उस बोर्ड पर काले पेंट से पुताई कर दी, जिससे समाज में रोष फैल गया। पुलिस को शिकायत भी सौंपी गई।

इसके बाद गांव के अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों ने इस बोर्ड पर आपत्ति जताई और प्रशासन से इसकी शिकायत की। विवाद बढ़ता देख रविवार रात पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में बोर्ड को उखाड़कर थाने ले जाया गया, जिससे यादव समाज के लोग और भड़क गए।

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पंचायत के प्रयास और पुलिस कार्रवाई

बुधवार को कृष्णवंशी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश यादव ने जुनेदपुर गांव के बाहर शिव मंदिर परिसर में छत्तीसा क्षेत्र के लोगों के साथ पंचायत करने की घोषणा की थी। भारी संख्या में कुर्सियाँ भी मंगवाई गई थीं। पुलिस की सख्ती के चलते पंचायत पास के गांव लालपुर में की गई। पंचायत के बाद लौटते वक्त पुलिस ने 12 लोगों को हिरासत में ले लिया।

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विरोध और प्रशासन की प्रतिक्रिया

कोतवाली पहुंचे अनुसूचित जाति के लोगों ने आरोप लगाया कि जुनेदपुर गांव यादव बाहुल्य नहीं है, बल्कि अनुसूचित जाति के लोग यहाँ अधिक संख्या में हैं। साथ ही अन्य जातियों के लोग भी रहते हैं, इसलिए इस तरह का जातीय बोर्ड लगाना उचित नहीं है।

क्षेत्राधिकारी (सीओ) पूर्णिमा सिंह ने बताया कि “मामले में 12 लोगों के खिलाफ शांतिभंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बिना प्रशासनिक अनुमति के कोई भी बोर्ड नहीं लगाया जा सकता।”

समाज में बढ़ती खाई

इस घटना ने गांव में जातीय तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। फिलहाल पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए हैं।


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