सिकंदराबाद। शिक्षा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है। जेएस कॉलेज के हिंदी विभाग में कार्यरत नवीन कुमार को डॉक्टर ऑफ़ फिलॉसफी (पीएचडी) की उपाधि प्रदान की गई है। उन्होंने यह उपाधि पंडित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय, बांदा के हिंदी विभाग से प्राप्त की है। उनके शोध कार्य का विषय “हिंदी नाटकों के मिथकीय चरित्रों का अनुशीलन” रहा, जिसमें उन्होंने गहन अध्ययन और विश्लेषण प्रस्तुत किया है।
मिथकीय चरित्रों पर विस्तृत शोध
नवीन कुमार ने अपने शोध में हिंदी साहित्य में प्रयुक्त मिथकीय चरित्रों की भूमिका, उनकी सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रासंगिकता तथा उनके चित्रण की विविध विशेषताओं पर विस्तृत अध्ययन किया है। इस शोध कार्य का निर्देशन हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) अश्विनी कुमार शुक्ल ने किया। उनके मार्गदर्शन में नवीन कुमार ने विभिन्न हिंदी नाटकों का सूक्ष्म अध्ययन कर यह सिद्ध किया कि मिथकीय चरित्रों का प्रभाव नाट्य साहित्य में न केवल मनोरंजन बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक चेतना के रूप में भी परिलक्षित होता है।
शोध कार्य के दौरान उन्होंने यह भी दर्शाया कि रामायण, महाभारत, पुराणों तथा अन्य पौराणिक ग्रंथों के चरित्रों को हिंदी नाटकों में किस प्रकार प्रयोग किया गया है और इनका तत्कालीन तथा आधुनिक संदर्भों में क्या प्रभाव पड़ा है।
सहयोगियों ने दी बधाई
नवीन कुमार की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर जेएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. स्वप्ना उप्रेती, कॉलेज की सचिव रचना भटनागर, एवं हिंदी विभाग के सभी शिक्षकगणों ने उन्हें हार्दिक बधाई दी। प्राचार्य प्रो. स्वप्ना उप्रेती ने कहा, “यह हमारे संस्थान के लिए गर्व की बात है कि नवीन कुमार ने शोध के क्षेत्र में इतना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके शोध से हिंदी साहित्य में नए दृष्टिकोण विकसित होंगे और आगे आने वाले शोधार्थियों को दिशा मिलेगी।”
सचिव रचना भटनागर ने नवीन कुमार को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि उनका यह शोध हिंदी साहित्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे छात्रों को भी लाभ मिलेगा।
उनके साथी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भी उन्हें शुभकामनाएँ दीं और इस सफलता को उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम बताया। नवीन कुमार ने इस अवसर पर अपने गुरुजनों, परिवार और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि शोध कार्य को आगे बढ़ाने तथा हिंदी साहित्य में और अधिक योगदान देने के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
उज्ज्वल भविष्य की कामना
नवीन कुमार की यह उपलब्धि हिंदी साहित्य, शोध और शिक्षा जगत के लिए प्रेरणादायक है। उनके इस शोध कार्य से मिथकीय चरित्रों की प्रासंगिकता को नए दृष्टिकोण से समझने का अवसर मिलेगा। उनकी इस सफलता से न केवल उनका नाम रोशन हुआ है, बल्कि जेएस कॉलेज और हिंदी साहित्य जगत को भी गर्व की अनुभूति हुई है।