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बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन कर मनाया बाल हकीकत राय का बलिदान दिवस

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“वीर हकीकत राय अपनी धर्म की रक्षा के लिये अपनी मृत्यु को गले लगा लिया”
“वीर हकीकत राय अपने धर्म के लिए बलिदान होकर अमर हों गये लेकिन विधर्मी नहीं बने”

सिकंद्राबाद: विवेकानन्द सरस्वती शिशु मन्दिर सरस्वती नगर सिकन्द्राबाद में ज्ञान की देवी अधिष्ठात्री मां सरस्वती का प्रकटोत्सव कार्यक्रम बड़ी धूम धाम से मनाया जिसका शुभारम्भ प्रधानाचार्य ज्योति सिंह द्वारा माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन करके हुआ।

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन कर मनाया बाल हकीकत राय का बलिदान दिवस

इस अवसर पर सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष हवन पूजा अनुष्ठान किया गया। प्रधानाचार्य ज्योति सिंह ने बताया कि आज वीर बालक हकीकत राय का बलिदान दिवस भी है, जिनका केवल 15 वर्ष की अल्पायु में ही इस्लाम कबूल न करने के कारण सिर कलम कर दिया गया था। हमें उनके बलिदान से शिक्षा लेनी चाहिए कि हमें मृत्यु को सम्मुख देखकर भी बुराई के सामने घुटने नहीं टेकने चाहिए।

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन कर मनाया बाल हकीकत राय का बलिदान दिवस

उन्होंने बताया कि पंजाब के सियालकोट में सन् 1719 में जन्‍में वीर हकीकत राय जन्‍म से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। यह बालक 4-5 वर्ष की आयु में ही इतिहास तथा संस्कृत आदि विषय का पर्याप्‍त अध्‍ययन कर लिया था। 10 वर्ष की आयु में फारसी पढ़ने के लिये मौलवी के पास मस्जिद में भेजा गया। जहां उनका अपमान किया गया। बालक हकीकत उन सब के कुतर्को का प्रतिवाद करता और सभी को वाद-विवाद में पराजित कर देता। एक दिन मौलवी की अनुपस्थिति में कुछ छात्रों ने हकीकत राय को खूब मारा पीटा। बाद में मौलवी के आने पर उन्‍होंने हकीकत की शिकायत कर दी। यह बाद सुनकर मौलवी बहुत नाराज हुए और हकीकत राय को शहर के काजी के सामने प्रस्‍तुत किया। बालक के परिजनों के द्वारा लाख सही बात बताने के बाद भी काजी ने एक न सुनी और निर्णय सुनाया कि शरियत के अनुसार इसके लिये मृत्युदण्ड दिया जाए। बालक अपने निश्‍चय पर अडि़ग रहा और और बंसत पंचमी सन 1734 को उसे फॉंसी दे दी गई। 1947 में भारत के विभाजन से पहले,हिन्दू बसंत पंचमी उत्सव पर लाहौर स्थित उनकी समाधि पर इकट्ठा होते थे। विभाजन के बाद उनकी एक और समाधि होशियारपुर जिला के “ब्योली के बाबा भंडारी” में स्थित है। यहाँ लोगों बसंत पंचमी के दौरान इकट्ठा हो कर हकीकत राय को श्रद्धाजंलि देते हैं।

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन कर मनाया बाल हकीकत राय का बलिदान दिवस

गुरदासपुर जिले में, हकीकत राय को समर्पित एक मंदिर बटाला में स्थित है। इसी शहर में हकीकत राय की पत्नी सती लक्ष्मी देवी को समर्पित एक समाधि है। आर्य समाज, ने हकीकत राय हिन्दू धर्म के लिए गहरी वफादारी के एक नाटक “धर्मवीर” में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज हम मां सरस्वती की विशेष पूजा इसलिए कर रहे हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन मनोज पाण्डे द्वारा किया गया तथा सभी आचार्य बंधु आचार्या बहिनों एवं भैया बहिनों ने सरस्वती पूजन कर हवन संपन्न कर बसंत पंचमी का कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से मनाया।

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