सिकंदराबाद। नर्मदेश्वर आश्रम भराना मे चल रही छटे दिन श्री मद भागवत कथा (ज्ञान यज्ञ समारोह सप्ताह ) के अंतर्गत आचार्य राकेश कृष्ण शास्त्री ने कथा में कहा कि इस सृस्टि मे हर व्यक्ति का जीवन उसके स्वयं के कर्म फल के आधार पर संचालित होता है। कथा में रासलीला, कंसवध, उद्धव गोपी संवाद, रुक्मणी मंगल विवाह महोत्सव के प्रसंग पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा श्री कृष्ण कह रहे है ना तो मैं इसे चलाता हूँ ना ही मैं इसमें हस्तक्षेप करता हूं, मैं केवल एक साक्षी हूं मैं तुम्हारे सदैव समीप रहकर जो हो रहा है उसे देखता हूं और यही ईश्वर का धर्म है। श्री कृष्ण जब ब्रज छोड़कर मथुरा आ गए तो वहां गोपिया उनके वियोग में बहुत व्याकुल हो गई। इसलिए श्री कृष्ण ने अपने शखा उद्धव को गोपियों के पास योग संदेश ले जाने के लिए ब्रज भेजा। श्री कृष्ण ने उद्धव को अपने पिछले जन्म और संस्कारो के बारे मे बताया जिन्होंने उन्हें सच्ची भक्ति की वास्तविक स्थिति तक पहुंचने में सक्षम बनाया है। भगवान ने फैसला किया कि उद्धव को इस दुनिया में उनके प्रतिनिधि के रूप में रहना चाहिए। आशीष उपाध्याय ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा 17 मई से नित्य 10बजे से 3 बजे तक हो रही है सांयकाल मे 7 बजे से 10 बजे तक सभी भक्त मिलकर हरे राम हरे राम, राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण का अखंड कीर्तन भी करते है कथा का समापन 25 मई को हवन भंडारे के साथ होगा। कथा आयोजन समिति भराना के सभी पदाधिकारी के अलावा आसपास के गांव व नगर के काफी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।