सिकंदराबाद। नगर क्षेत्र के भराना में स्थित गंगनहर के पास नर्मदेश्वर आश्रम पर श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास आचार्य राकेश कृष्ण शास्त्री ने कथा में चतुर्थ दिन बोलते हुए कहा कि हिन्दू मान्यताओ के अनुसार श्री राम ने चैत्र मास के शुक्ल पछ को नवमी तिथि में जन्म लिया था।
हर साल रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता हैं। श्री कृष्ण विष्णु के 8 वें अवतार माने गए हैं। श्री कृष्ण को कन्हैया, माधव, श्याम, गोपाल, केशव, वासुदेव आदि वहुत से नामों से जाना जाता है। निष्काम, कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थित प्रज्ञ एवं देवी सम्पदाओ से सुज्जित महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष, युग पुरुष या युगवतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद् भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तृत रूप से लिखा गया है।
भगवत गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस उपदेश के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया गया है। भगवान श्री राम महर्षि वाल्मीकि के वालकांड और तुलसीदास जी के रामचरितमानस में भी रामनवमी तिथि का उल्लेख किया गया है। आचार्य ने गजेंद्र मोक्ष, वामन अवतार, समुद्र मंथन, नंदोत्सव, श्री रामजन्म, श्री कृष्ण जन्म प्रसंग पर विस्तार से प्रकाश डाला। कथा में नर्मदेश्वर आश्रम के संरक्षक महंत 1008 सीता शरण महाराज, काशी से आये सभी दंडी स्वामी, आशीष उपाध्याय, जगत प्रधान, विशंभर भाटी, प्रमोद गिरी, प्रमोद महाशय, ओमकार, सुंदर सिंह, ब्रह्म सिंह, नवीन, ज्ञानी सिंह, राजकुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे। प्रसाद व्यवस्था में रोहित प्रधान, मिंटू, जीते, अशोक, संगीता, दया देवी, प्रकाशी देवी, निधि देवी, बाला देवी का विशेष सहयोग रहा। श्रीमद् भागवत कथा में आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों के अलावा आस पास के काफ़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।