Search

बुलंदशहर: पिता की तेरहवीं पर बेटों की अनोखी पहल, मृत्यु भोज के बजाय 3 हजार गरीबों की मदद

434 Views
बुलंदशहर: समाज में वर्षों से चली आ रही मृत्यु भोज की परंपरा को तोड़ते हुए बुलंदशहर जिले के थाना पहासू क्षेत्र के गांव करौरा के कुछ बेटों ने अपने दिवंगत पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने पिता की तेरहवीं पर मृत्यु भोज आयोजित करने के बजाय 3,000 गरीबों की मदद की और उन्हें जरूरत का सामान वितरित किया।

पिता की अंतिम इच्छा को किया पूरा

गांव करौरा निवासी इन बेटों के पिता का कुछ समय पहले निधन हो गया था। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी तेरहवीं पर पारंपरिक मृत्यु भोज न कराया जाए, बल्कि जरूरतमंदों की सहायता की जाए। बेटे अपने पिता की इस इच्छा को सम्मान देते हुए समाज में बदलाव लाने का संदेश देना चाहते थे।

गरीबों को दिया जरूरत का सामान

मृत्यु भोज पर खर्च होने वाले पैसों से बेटों ने 3,000 जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान कीं। इस कदम की पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र में सराहना हो रही है। समाज के कई लोगों ने इसे एक प्रेरणादायक पहल बताया और इस परंपरा को अपनाने की बात कही।

लोगों को दिया जागरूकता का संदेश

परिवार के सदस्यों ने कहा कि मृत्यु भोज पर बड़ी मात्रा में पैसा खर्च करने के बजाय, अगर उन पैसों का सही उपयोग किया जाए, तो यह गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने अन्य परिवारों से भी अपील की कि वे इस परंपरा को अपनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दें।

इस अनोखी पहल ने दिखाया कि परंपराएं बदली जा सकती हैं और समाज में एक नई सोच को बढ़ावा दिया जा सकता है।

Spread the love

Published On

Leave a Comment