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श्रीमद्भागवत कथा: व्यक्ति के कर्म तभी सार्थक होते हैं जब वे धर्म के सिद्धांतों के साथ जुड़े हों- अनिरुद्धाचार्य महाराज

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सिकंदराबाद:  नगर क्षेत्र के श्रीकिशन तालाब मंदिर पर मां भगवती सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस कथावाचक ने मौजूद श्रद्धालुओं के समक्ष भगवान श्रीहरि के विराट स्वरूप का मनमोहक,सुंदर व सरल शब्दों में वर्णन किया। उन्होंने प्रवचन में कर्म और धर्म के अंतरसंबंध की व्याख्या की।

अनिरुद्धाचार्य महाराज ने भगवान के विराट स्वरूप का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि यह स्वरूप समस्त सृष्टि को अपने भीतर समाहित किए हुए है। उन्होंने कहा कि यह स्वरूप हमें यह समझने की प्रेरणा देता है कि हम सब उसी परम शक्ति का अंश हैं। कथा में उन्होंने भगवान के विराट रूप के विभिन्न पहलुओं को सरल शब्दों में समझाया, जिससे श्रोतागण गहन आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कर सकें। इसके पश्चात श्री ध्रुव चरित्र का मार्मिक प्रसंग प्रस्तुत किया गया। कथावाचक ने बताया कि बालक ध्रुव की तपस्या, उनकी दृढ़ निष्ठा और भगवान की कृपा का यह प्रसंग हम सभी को कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और श्रद्धा बनाए रखने की प्रेरणा देता है। ध्रुव की कथा ने श्रोताओं के हृदय को छू लिया और वातावरण में भक्ति एवं भावनात्मकता का संचार हुआ।

गांधारी और धृतराष्ट्र की गलती का परिणाम था महाभारत का युद्ध

अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा बच्चों के लिए माता-पिता को धृतराष्ट्र और गांधारी नहीं बनना चाहिए जैसे धृतराष्ट्र और गांधारी ने दुर्योधन को उसकी गलतियों पर नहीं रोका और महाभारत हो गई। हमें अपने बच्चों को उनकी गलतियों पर रोकना चाहिए और उनमें सुधार करना चाहिए। मांसाहार हमारा धर्म और सभ्यता नहीं है। यदि हम मांस खा रहे हैं तो जानवरों से कम नहीं हैं किसी की जान लेकर और उसका मांस खाकर हम हत्यारे बन रहे हैं। हमें शाकाहारी बन के भारतीय सभ्यता को अपनाना होगा। पाकिस्तान और अमेरिका में लोग मांस खाते हैं। उनके यहां भरपेट रोटी, चावल और दाल नहीं होती होगी। हमारे देश में पेट भरने के लिए बहुत कुछ पैदा होता है। महाभारत की कथा सुनाते हुए कहा कि कहा कि मनुष्य के अंदर लोभ की भावना नहीं होना चाहिए। लोभ ही मनुष्य के पतन का मूल कारण है बेईमानी से कमाया गया धन पूरे परिवार को विनाश की ओर ले जाता है। मित्र कर्ण जैसा नहीं होना चाहिए जो गलत होने पर भी आपका साथ दे । मित्र तो ऐसा हो जो आपको गलत कार्य करने से रोक कर सद्मार्ग की ओर ले जाए। उन्होंने कहा कि पिता का कर्तव्य है कि अपने बच्चों में समय से समान रूप से संपत्ति का बंटवारा कर दें। किसी प्रकार का भेदभाव ना करें और संपत्ति का समय से करें।

मनुष्य अपने आप से और भगवान से कभी झूठ नहीं बोलता

अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि मनुष्य अपने आप से और भगवान से कभी झूठ नहीं बोलता। मनुष्य को कर्म और धर्म की पहचान होनी चाहिए। मनुष्य के लिए धर्म सबसे बड़ा होता है धर्म के बाद ही कर्म आता है। कथा सुनने के लिए महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। अनिरुद्धाचार्य महाराज ने श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

राज्य महिला आयोग की सदस्य भी कथा श्रवण को पहुंची सिकंदराबाद

राज्य महिला आयोग की सदस्य भी कथा श्रवण को पहुंची सिकंदराबाद। मां भगवती सेवा समिति के तत्वावधान में मैदान श्री कृष्ण तालाब मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. हिमानी अग्रवाल भी कथा श्रवण के लिए मेरठ से पहुंची। कथा समिति के पदाधिकारी उनका स्वागत किया। श्रीमद्भागवत कथा स्थल तक पहुंचने और कथा स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल की भारी व्यवस्था की गई है।

कथा आयोजन में अंशु शर्मा,एडवोकेट नितिन गर्ग,पंडित सचिन शर्मा,उज्ज्वल गोयल,एडवोकेट विपुल गर्ग,वैभव गोयल,मनोज वर्मा,हनी कंसल,लव गुप्ता,समेत सभी पदाधिकारियों का सहयोग रहा।

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