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सावन के पांचवे सोमवार पर 70 फिट ऊंचे महालिंगम धाम में राष्ट्रीय समरसता एवं राष्ट्रीय संस्कृति उत्थान हेतु की गई 7 कोसीय परिक्रमा और अभिषेक

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बुलंदशहर: सावन के पांचवें सोमवार को श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ पर राष्ट्रीय सामाजिक समरसता एवं संस्कृति के उत्थान के लिए परिक्रमा मार्ग पर परिक्रमा की गई। परिक्रमा करने से पूर्व पीठाधीश्वर आचार्य मनजीत धर्मध्ववज जी ने सर्वप्रथम महालिंग उद्घोष के साथ शिव भक्तों को परिक्रमा मार्ग की महिमा बताते हुए कहा कि द्वादश महालिंगेश्वर परिक्रमा मार्ग पर 7 किलोमीटर की परिक्रमा करने से कावड़ यात्रा जैसा फल प्राप्त होता है। वहीं भक्तों को बंधन दोष, कालसर्प दोष जैसे इत्यादि कर्म देशों से मुक्ति मिलती है। परिक्रमा करने के उपरांत तांबे के नाग नागिन का जोड़ा महालिंग जी को अर्पण करने से सर्प कृपा प्राप्त होती है। सावन के पांचवें सोमवार को शिव भक्तों ने अपने हाथों में धर्म पताका के साथ परिक्रमा की, शिव भक्तों ने महालिंग की जयकारों के साथ भारत माता की जय के उद्घोष भी लगाये। परिक्रमा करने के दौरान जिला पँचायत के वरिष्ठ अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी अपने अधीनस्थों के साथ मौजूद रहे, परिक्रमा करने के उपरांत मंदिर के पुजारियों ने विशेष मंत्रोचार के साथ महालिंग जी का अभिषेक करवाया, सावन की पांचवें सोमवार पर मंदिर की सेवा व्यवस्था में कुंवरपाल सिंह, संजू पंडित, शीलू ठाकुर, अनुराग, हरिओम, छंगा मौजूद रहे। वहीं महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ पर आज जिला पंचायत एमएमए ने विशेष रूप से लड्डुओं का भंडारा करवाया।

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