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रामलीला में हुआ अहिल्या तरण की लीला का मंचन

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सिकंदराबाद। रामलीला कमेटी द्वारा नगर के मोहल्ला रामबाड़ा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला में रविवार की रात में श्री आदर्श राधिका कृष्ण कला मंडल व रामलीला मंडल वृंदावन के व्यास पंकज भारद्वाज द्वारा अहिल्या तरण लीला का मंचन किया गया।

जिसका सुचारू रूप से संचालन अरविंद दीक्षित ने किया। अहिल्या गौतम ऋषि की पत्नी थी। अहिल्या को उनके पति ने श्राप दिया था। जिसमें पत्थर की बन गई। अहिल्या ज्ञान के अनुपम स्वर्गी रूप गुणों में संपन्न थी। अपने अतुलनीय सौंदर्य और सरलता के कारण वह अपने पति को बहुत प्रिय थी।

पत्नी के अत्यधिक विनय करने पर ऋषि ने उन्हें बताया कि जब भगवान विष्णु के अवतार श्री राम इधर से गुजरेंगे तो आप दोबारा स्त्री रूप में आ जाओगी। ऋषि गौतम के एक पुत्री थी जिसका नाम अंजना था। उन्होंने उसे भी श्राप दिया कि तेरे कुंवारी के संतान उत्पन्न होगी। इस पर आंजना ने विलाप कर अपने पिता से कहा इसमें मेरा क्या कसूर है जब ऋषि गौतम ने कहा कि जो तेरे गोद से पुत्र होगा वह संसार में तेरा नाम उज्जवल करेगा। जिससे तेरी छवि सुंदर बनी रहेगी और उसका नाम हनुमान होगा।

इस प्रकार से भगवान राम घूमते हुए आए और अहिल्या का चरण स्पर्श किया। अहिल्या नारी रूप में हो गई। फिर राजा जनक द्वारा सीता स्वयंवर का न्योता विश्वामित्र के पास भेजा गया। जिसने उसे स्वीकार किया और स्वयंवर में आने की बात कही।

रामलीला में गंगा दर्शन लीला का मंचन किया गया। लीला मंचन का शुभारंभ कमेटी सदस्यों द्वारा आरती कर किया गया। दर्शकों व कमेटी के सभी सदस्यो ने मिलकर लीला का आनंद लिया।

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