उद्यमियों ने पुरानी जल निकासी व्यवस्था को बताया जिम्मेदार, समाधान न होने पर आंदोलन की दी चेतावनी

सिकंदराबाद: औद्योगिक क्षेत्र में पुराने ढर्रे की जल निकासी व्यवस्था के चलते दो दिन लगातार हुई बरसात के पानी से कई इकाईयां व सड़कें जलमग्न हो गई। उद्यमियों ने जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता का आरोप लगाते हुए करोड़ों के नुकसान होने का अनुमान लगाया है। औद्योगिक क्षेत्र में बड़े स्तर पर टावर निर्माण,पेंट,कीटनाशक,पाइप,सीमेंट,टायल्स निर्माण करने वाली कई इकाईयां मौजूद हैं। इन इकाईयों में तैयार माल विदेशों तक सप्लाई किया जाता है। बार-बार मांग के बावजूद उद्यमियों को मूलभूत सुविधाओं वंचित किया जा रहा है। जिसमें सबसे बड़ी समस्या यहां की पुराने समय की जल निकासी की व्यवस्था है। उद्यमियों ने बताया कि शुक्रवार व शनिवार को आई तेज बरसात के चलते कई इकाईयों में बरसात भर गया और सड़के जलमग्न हो गईं। बाहर से आने वाले कच्चे व तैयार माल में बरसात का पानी भरने से खराब हो गया है। इससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सिकंदराबाद चैप्टर के अध्यक्ष विकास शर्मा ने बताया कि दो दिनों में हुई बरसात की चलते औद्योगिक क्षेत्र स्थित कई इकाइयो में जल भराव की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि क्षेत्र में जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। जिससे फैक्ट्रीयों में रखे माल में भारी नुकसान हुआ है। बताया कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उधोग बंधु की बैठक में भी उठाया गया और एसडीएम की अध्यक्षता में यूपीसीडा और आईंआईए के पदाधिकारियों की तीन बैठकें भी हुई। परन्तु समस्या का कोई निराकरण नही हो पाया है। जिसमे चलते पूरा औद्योगिक क्षेत्र बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या से विगत दो दशक से जूझ रहा है।

बरसात के चलते करीब नब्बे प्रतिशत इकाईयों में जलभराव की समस्या है। अधिकारियों की ओर से ढांचागत निर्माण को लेकर डीपीआर बनाकर संबंधित एजेंसी को भेज दी जाती है। लेकिन अधिकारी एजेंसी की ओर से भारी भरकम खर्चा बताकर निरस्त कर दिया जात है। जिसके चलते वर्षों से जल निकासी व्यवस्था का मुद्दा लटका हुआ है।
नितिन जैन, डिवीजनल सेक्रेटरी आइआइए सिकंदराबाद चैप्टर

सोमवार को भी औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव की समस्या बनी रही। इकाई स्टाफ के साथ श्रमिकों को भी जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गाड़ियां भी जहां- तहां सड़कों पर जलभराव के बीच खड़ी हुई हैं। उद्यमी बताते हैं कि समस्याओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के सामने लंबे समय से मांग उठाते आ रहे हैं। लेकिन उन्हें बार-बार आश्वासन दिया जाता रहा है। अकेले जल निकासी की समस्या बीते दो दशक से जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के फलस्वरूप सम्पूर्ण औद्योगिक क्षेत्र बरसात के कारण जलभराव की भयावह स्थिति से गुजर रहा है। आरोप लगाया कि शासन- प्रशासन की ओर से कोई भी स्थायी समाधान की कोई भी रूप रेखा तैयार नही की गई, जबकि यूपीसीडा सिर्फ मेंटनेंस चार्ज में तीन गुना वृद्धि करके ही इस समस्या से इतिश्री कर कर्तव्य समझती है। यदि शीघ्र समाधान शीघ्र नही हुआ तो एसोसिएशन आंदोलन करेगी और अगले माह का मेंटेनेंस और जीएसटी रोकने पर विचार करेगी। एसडीएम रेनू सिंह ने बताया कि यूपीसीडा के अफसरो से वार्ता कर समस्या का समाधान शीघ्र कराया जाएगा।