विवेकानंद सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा सावन के दूसरे सोमवार को निकाली गई बाल कांवड़ यात्रा में ढाई सौ बच्चों ने भाग लिया। शिवभक्ति, डीजे-ढोल और जलाभिषेक के साथ नगर में गूंजे “बम-बम भोले” के जयकारे।
सिकंदराबाद: सावन मास के दूसरे सोमवार को नगर की पावन धरती पर भक्ति, संस्कार और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। विवेकानंद सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा नर्सरी से कक्षा 5 तक के भैया-बहनों के लिए आयोजित बाल कांवड़ यात्रा में करीब ढाई सौ बच्चों ने भाग लिया। डीजे और ढोल की भक्ति ध्वनि के साथ निकली इस यात्रा में नन्हें शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बनता था।
विद्यालय प्रांगण में बच्चों ने रंग-बिरंगे कांवड़ों को सजा कर एकत्रित होकर बालाजी मंदिर के लिए प्रस्थान किया। रास्ते भर “बम-बम भोले” के जयकारों से नगर की गलियाँ गूंज उठीं। मंदिर परिसर पहुंचकर सभी बच्चों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
इस आयोजन में निर्णायक मंडल में सतीश चंद्र गर्ग, माधुरी गर्ग, हरशरण शर्मा, अनिल मोगा उपस्थित रहे। रामप्रकाश द्वारा मंच का सुंदर संचालन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक पवन किशोर गुप्ता एवं एकता माहेश्वरी रहे, जबकि अध्यक्षता विद्यालय के अध्यक्ष अरविंद दीक्षित ने की। समिति प्रबंधक नवीन गुप्ता, जगदीश बजाज, शिवप्रकाश काका और पूर्णदत्त शर्मा ने कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग दिया।
वापसी पर बच्चों के लिए प्रसाद रूप में फल, चिप्स, चॉकलेट, शीतल पेय आदि की व्यवस्था विद्यालय परिवार व व्यापार मंडल के मोहित गोयल द्वारा की गई। इस अवसर पर अभिभावकों ने विद्यालय परिवार के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को जागृत करता है, बल्कि संस्कार, संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा का भी माध्यम बनता है।
स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर नन्हे कांवड़ियों का स्वागत किया और इस ऐतिहासिक पहल को बुलंदशहर जिले का प्रथम अनूठा प्रयास बताया।