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सिकंदराबाद से अयोध्या ट्रांसफर हुए एसडीएम संतोष जगराम, जानिए संघर्ष से सफलता तक की कहानी

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PCS अधिकारी संतोष जगराम का सिकंदराबाद से अयोध्या ट्रांसफर। जानें एक कांस्टेबल के बेटे के संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी

सिकंदराबाद: देर रात शासन द्वारा 127 उप जिलाधिकारियों के तबादले किए गए। इनमें सिकंदराबाद के एसडीएम संतोष कुमार जगराम का भी नाम शामिल है। उनका तबादला अयोध्या कर दिया गया है। उन्होंने 23 नवंबर 2024 को सिकंदराबाद का चार्ज लिया था और 23 जून 2025 को उनका ट्रांसफर हुआ। वे करीब 7 महीने तक इस पद पर रहे।

लेकिन एसडीएम संतोष जगराम केवल एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं, बल्कि संघर्ष और दृढ़ संकल्प की एक प्रेरक कहानी हैं।


बुलंदशहर के छोटे से गांव से PCS बनने तक का सफर

संतोष कुमार जगराम बुलंदशहर जिले के छोटे से गांव पोलादपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता नत्थी सिंह, यूपी पुलिस में कांस्टेबल थे, जो बागपत और गाज़ियाबाद में तैनात रहे। माँ गृहणी थीं। संतोष परिवार में सबसे बड़े हैं। छोटे भाई इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं और सबसे छोटी बहन अभी पढ़ाई कर रही हैं।

2003 में आया जीवन का कठिन मोड़

2003 में परिवार पर आर्थिक संकट आया जब पिता की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया। परिवार को कई महीनों तक मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी दौर में संतोष का सामना सरकारी तंत्र से हुआ और उन्होंने ठान लिया कि इस सिस्टम का हिस्सा बनकर समाज में बदलाव लाना है।


पाँच प्रयास, नौ साल की मेहनत और फिर सफलता

  • 2002 में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की।

  • 2003 में पहला प्रयास किया, लेकिन केवल मेंस तक पहुँचे।

  • 2004 और 2005 में भी परिणाम निराशाजनक रहा।

  • 2007 में चौथा प्रयास और फिर 2008 में पाँचवां प्रयास किया।

  • 2011 में परीक्षा परिणाम आया, जिसमें उन्होंने 56वीं रैंक हासिल कर PCS अधिकारी बने।

पहली पोस्टिंग कासगंज जनपद में नायब तहसीलदार के रूप में हुई। इसके पहले वे 2006 में गाज़ियाबाद के सरकारी इंटर कॉलेज में लेक्चरर भी रह चुके थे।

दोस्तों और परिवार ने बढ़ाया हौसला

संतोष बताते हैं कि उनके सफर में परिवार, और खासकर उनके दो मित्र प्रेमचंद और राहुल गुप्ता ने हमेशा उनका मनोबल बढ़ाया। जब-जब वे असफल हुए, इन सभी ने उन्हें दोबारा कोशिश करने के लिए प्रेरित किया।


अब नई जिम्मेदारी: अयोध्या में नई भूमिका

सिकंदराबाद में शांतिपूर्ण प्रशासन और जनसुनवाई में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद अब संतोष जगराम को अयोध्या में नई जिम्मेदारी दी गई है। लोग उनके कार्यकाल को यादगार मानते हैं।


“कभी हार न मानें”: युवाओं को संदेश

संतोष जगराम का संदेश सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए है: “कभी हार न मानें। असफलताएं आएंगी, लेकिन अगर हिम्मत नहीं हारी तो सफलता ज़रूर मिलेगी। मैं इसका जीता-जागता उदाहरण हूं।”

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